प्रमुख तांत्रिक क्रियाएँ
प्रमुख तांत्रिक क्रियाएँ:
1. शव साधना:
रात को श्मशान भूमि में शव के ऊपर बैठकर मंत्र
जाप करना।
2. दर्पण साधना (Mirror Scrying):
काले आईने में आत्मा को बुलाकर बात करना।
3. लौंग - नींबू प्रयोग:
शत्रु बाधा या नजर दोष के लिए काले धागे में
बांधकर प्रयोग करना।
4. चित्र अभिचार विधि:
किसी की तस्वीर या मिट्टी की मूर्ति पर मंत्र से
असर डालना।
5.भस्म प्रयोग:
शव की राख को मंत्र से चार्ज करके किसी वस्तु या
व्यक्ति पर छिड़कना।
संस्कृत श्लोक:
"यन्त्रं मन्त्रं तथा तन्त्रं, त्रितयं साधकस्य धनम्।
यत्कृत्वा साधकः प्राज्ञः, लभते सिद्धिमुत्तमाम्॥"
( मंत्र, तंत्र और यंत्र – ये तीन साधक की पूँजी हैं,
जिससे वह सिद्धि प्राप्त करता है।)
ये वस्तुएँ ऊर्जा आकर्षण और संचार के माध्यम
होती हैं।
सामान्य तांत्रिक साधन:
साधन वस्तु. -उपयोग
काला धागा - नजर और नकारात्मक शक्ति से सुरक्षा हेतु
नींबू- लौंग - शत्रु बाधा, तांत्रिक प्रयोग
काली हल्दी- विशेष वशीकरण, सिद्धि हेतु
शव की भस्म - सबसे गुप्त और शक्तिशाली तांत्रिक पदार्थ
कपाल (खोपड़ी) -भैरवी साधना में प्रयुक्त
काले रंग का वस्त्र -उर्जा समाहित करने हेतु
लाल सिंदूर /काजल - वशीकरण रेखाएँ खींचने हेतु
रक्त / बलि प्रथा - (प्राचीन शक्ति प्राप्ति (वर्तमान में त्याज्य)
संस्कृत श्लोक:
"कृष्णवस्त्रेण यः कुर्याद्, तन्त्रं रात्रौ निशामुखे।
स सिद्धं लभते क्षिप्रं, यद्यस्ति नियमो दृढः ॥"
(जो रात्रि में काले वस्त्र धारण कर विधि करे, वह
शीघ्र सिद्ध होता है यदि संयम रखे। )
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